Tuesday, November 19, 2013

हम गौ सेवा कैसे करें..?


हम गौ सेवा कैसे करें..? , कई लोगों के मन में
यह सवाल रहता है ,
इसकेलिए यह जानना जरुरी है की हम
गौ सेवा निम्न प्रकार से कर सकते है :-
1.) अपने या अपने परिवारजनों के जन्मदिन
पर, पूर्वजों की स्मृति में ,
स्वजनों की पुण्यतिथि पर गौशाला दर्शन
करके गौ सेवा करें ।
2.) गौ माता पर हो रहे
अत्याचारों को रोकने में अपना सहयोग
प्रदान करें ।
3.) ऐसी वास्तु इस्तेमाल करने से बचें
जिसको बनाने हेतु गौ को कष्ट व
पीढ़ा पहुंचाई गयी हो ।
4.) निजी स्वार्थ पूर्ति हेतु कुछ लोग
गौ हत्या करते हैं ऐसा होने से रोकें ।
5.) रोज अपनी कमाई का कुछ अंश
गौ माता के लिए निकालें व इसे
गौ माता के लिए ही खर्च करें, जैसे
हरा चारा , आदि खरीद के गौ को दे सकते
हैं, या किसी गौशाला में जाकर भी इस
राशी को दान कर सकते हैं।
6.) अपने घर में छोटे बच्चों को भी ये सिख दें
कि वो अपनी पॉकेट मनी (जेब खर्च ) में से
कुछ पैसा बचा के गौ माता के लिए निकालें ,
उन्हें भी गौ माता का महत्व समझाएं ।
7.) घर में गौ ग्रास जरुर निकालें ।
8.) हरी सब्जी जैसे पालक , मैथी, सरसों ,
बथुआ , चौलाई, मटर , हरा चना,
इत्यादि का उपयोग करने के उपरांत
जो हरा चारा निकलता है उसे कूड़ा दान में
न डालते हुए गौ माता को खिलाएं ।
9.) गौएँ बेचीं ही इसीलिए जाती है
क्यूंकि वे बूढी होने के बाद दूध देना बंद कर
देती हैं, और किसान या गौपालक को उसे
खिलाना पिलाना तथा पालना बोझ
सा लगता है, उन्हें उन गौओं को बेचने
की जगह किसी गौशाला में छोड़ने के सलाह
दे जिससे गौ बाख सके। और इसलिए
किसी गौशाला में जाकर गौ के खाने
का प्रबंध कर दें और अन्य
लोगों को भी इसकी सलाह देकर उन्हें
भी इस कार्य से जोड़ें ताकि पैसों के खातिर
कोई भी गौ को कसाई को न बेचे।
ऐसा करके देखें, ऐसा करने से न केवल
गौ माता की सेवा तथा रक्षा होगी बल्कि
सुख तथा शांति भी प्राप्त होगा ।
धन्यवाद ....!

गला और छाती की बीमारी का इलाज :


गला और छाती की बीमारी का इलाज :
गले में किनती भी ख़राब से ख़राब
बीमारी हो, कोई भी इन्फेक्शन हो,
इसकी सबसे अछि दावा है हल्दी । जैसे गले में
दर्द है, खरास है , गले में खासी है, गले में कफ
जमा है, गले में टोनसीलाईटिस हो गया ; ये
सब बिमारिओं में आधा चम्मच
कच्ची हल्दी का रस लेना और मुह खोल कर
गले में डाल देना , और फिर थोड़ी देर चुप
होके बैठ जाना तो ये हल्दी गले में निचे
उतर जाएगी लार के साथ ; और एक खुराक में
ही सब बीमारी ठीक होगी दुबारा डालने
की जरुरत नही । ये छोटे बछो को तो जरुर
करना ; बछो के टोन्सिल जब बहुत तकलीफ
देते है न तो हम ऑपरेशन करवाके
उनको कटवाते है ; वो करने की जरुरत
नही है हल्दी से सब ठीक होता है ।
गले और छाती से जुडी हुई कुछ बीमारिया है
जैसे खासी ; इसका एक इलाज
तो कच्ची हल्दी का रस है जो गले में डालने
से तुतंत ठीक हो जाती है चाहे
कितनी भी जोर की खासी हो ।
दूसरी दावा है अदरक , ये जो अदरक है
इसका छोटा सा टुकड़ा मुह में रखलो और
टफी की तरह चुसो खासी तुतंत बंध
हो जाएगी । अगर किसीको खासते खासते
चेहरा लाल पड़ गया हो तो अदरक का रस
ले लो और उसमे थोड़ा पान का रस
मिला लो दोनों एक एक चम्मच और उसमे
मिलाना थोड़ा सा गुड या सेहद । अब
इसको थोडा गरम करके
पी लेना तो जिसको खासते खासते
चेहरा लाल पड़ा है उसकी खासी एक मिनट
में बंध हो जाएगी । और एक अछि दावा है ,
अनार का रस गरम करके
पियो तो खासी तुरन्त ठीक होती है ।
काली मिर्च है गोल मिर्च इसको मुह में रख
के चबालो , पीछे से गरम
पानी पी लो तो खासी बंध हो जाएगी,
काली मिर्च को चुसो तो भी खासी बंध
हो जाती है ।
छाती की कुछ बिमारिया जैसे दमा,
अस्थमा, ब्रोंकिओल अस्थमा, इन
तीनो बीमारी का सबसे अच्छा दवा है
गाय मूत्र ; आधा कप गोमूत्र पियो सबेरे
का ताजा ताजा तो दमा ठीक होता है,
अस्थमा ठीक होता है, ब्रोंकिओल
अस्थमा ठीक होता है । और गोमूत्र पिने से
टीबी भी ठीक हो जाता है , लगातार
पांच छे महीने पीना पड़ता है ।
दमा अस्थमा का और एक अछि दावा है
दालचीनी, इसका पाउडर रोज सुबह आधे
चम्मच खाली पेट गुड या सेहद मिलाके गरम
पानी के साथ लेने से दमा अस्थमा ठीक कर
देती है।

वृक्कों (गुर्दों) में पथरी-Renal (Kidney) Stone


वृक्कों (गुर्दों) में पथरी-Renal (Kidney)
Stone
वृक्कों गुर्दों में पथरी होने का प्रारंभ में
रोगी को कुछ पता नहीं चलता है, लेकिन
जब वृक्कों से निकलकर पथरी मूत्रनली में
पहुंच जाती है तो तीव्र शूल
की उत्पत्ति करती है। पथरी के कारण
तीव्र शूल से रोगी तड़प उठता है।
उत्पत्ति :
भोजन में कैल्शियम, फोस्फोरस और
ऑक्जालिकल अम्ल की मात्रा अधिक
होती है तो पथरी का निर्माण होने
लगता है। उक्त तत्त्वों के सूक्ष्म कण मूत्र के
साथ निकल नहीं पाते और वृक्कों में एकत्र
होकर पथरी की उत्पत्ति करते हैं। सूक्ष्म
कणों से मिलकर बनी पथरी वृक्कों में तीव्र
शूल की उत्पत्ति करती है। कैल्शियम,
फोस्फेट, कोर्बोलिक युक्त खाद्य
पदार्थों के अधिक सेवन से पथरी का अधिक
निर्माण होता है।
लक्षण :
पथरी के कारण मूत्र का अवरोध होने से शूल
की उत्पत्ति होती है। मूत्र रुक-रुक कर
आता है और पथरी के अधिक विकसित होने
पर मूत्र पूरी तरह रुक जाता है।
पथरी होने पर मूत्र के साथ रक्त भी निकल
आता है। रोगी को हर समय ऐसा अनुभव
होता है कि अभी मूत्र आ रहा है। मूत्र
त्याग की इच्छा बनी रहती है। पथरी के
कारण रोगी के हाथ-पांवों में शोध के लक्षण
दिखाई देते हैं। मूत्र करते समय
पीड़ा होती है। कभी-कभी पीड़ा बहुत बढ़
जाती है तो रोगी पीड़ा से तड़प उठता है।
रोगी कमर के दर्द से भी परेशान रहता है।
क्या खाएं?
* वृक्कों में पथरी पर नारियल का अधिक
सेवन करें।
* करेले के 10 ग्राम रस में मिसरी मिलाकर
पिएं।
* पालक का 100 ग्राम रस गाजर के रस के
साथ पी सकते हैं।
* लाजवंती की जड़ को जल में उबालकर
कवाथ बनाकर पीने से पथरी का निष्कासन
हो जाता है।
* इलायची, खरबूजे के बीजों की गिरी और
मिसरी सबको कूट-पीसकर जल में मिलाकर
पीने से पथरी नष्ट होती है।
* आंवले का 5 ग्राम चूर्ण मूली के टुकड़ों पर
डालकर खाने से वृक्कों की पथरी नष्ट
होती है।
* शलजम की सब्जी का कुछ दिनों तक
निरंतर सेवन करें।
* गाजर का रस पीने से पथरी खत्म
होती है।
* बथुआ, चौलाई, पालक,
करमकल्ला या सहिजन की सब्जी खाने से
बहुत लाभ होता है।
* वृक्कों की पथरी होने पर प्रतिदिन
खीरा, प्याज व चुकंदर का नीबू के रस से
बना सलाद खाएं।
* गन्ने का रस पीने से पथरी नष्ट होती है।
* मूली के 25 ग्राम बीजों को जल में
उबालकर, क्वाथ बनाएं। इस क्वाथ
को छानकर पिएं।
* चुकंदर का सूप बनाकर पीने से पथरी रोग
में लाभ होता है।
* मूली का रस सेवन करने से पथरी नष्ट
होती है।
* जामुन, सेब और खरबूजे खाने से पथरी के
रोगी को बहुत लाभ होता है।
नोट: पालक, टमाटर, चुकंदर,
भिंडी का सेवन करने से पहले चिकित्सक से
अवश्य परामर्श कर लें।
क्या न खाएं?
* वृक्कों में पथरी होने पर चावलों का सेवन
न करें।
* उष्ण मिर्च-मसालों व अम्लीय रस से बने
खाद्य पदार्थों का सेवन न करें।
* गरिष्ठ व वातकारक खाद्य व
सब्जियों का सेवन न करें।
* चाय, कॉफी व शराब का सेवन न करें।
* चइनीज व फास्ट फूड वृक्कों की विकृति में
बहुत हानि पहंुचाते हैं।
* मूत्र के वेग को अधिक समय तक न रोकें।
* अधिक शारीरिक श्रम और भारी वजन
उठाने के काम न करें।

प्याज के अद्भुत लाभ -----


प्याज के अद्भुत लाभ -----
_______________ _______________
_______________ _______
- प्याज काट कर रखने से यह वातावरण में
मौजूद बैक्टीरिया सोख लेता है.
- कान दर्द : प्याज गर्म राख में भुनकर
उसका पानी निचोड़कर कान में डाले। दर्द
में तुरंत लाभ होगा
- मोतिया बिन्द : प्याज का रस एक
तोला, असली शहद एक तोला,
भीमसेनी कपूर तीन माशे सबको खूब
मिलाकर लगाने से मोतिया का असर
नहीं होता।
- पेट के कीड़े-प्याज का कच्चा रस पिलाने से
पेट के कीड़े नष्ट हो जाते हें
- बारूद से जलने पर- यदि शरीर का कोई
भाग बारूद से जल जाये तो उस स्थान पर
प्याज का रस लगाने से लाभ होता है।
- कब्ज दूर करता है .
- गले की खराश मिटाए- यदि आप सर्दी,
कफ या खराश से पीडित हैं तो आप ताजे
प्याज का रस पीजिये। इमसें गुड या फिर
शहद मिलाया जा सकता है।
- ब्लीडिंग समस्या दूर करे- नाक से खून बह
रहा हो तो कच्चा प्याज काट कर सूघ
लीजिये।
- पाइल्स की समस्या में सफेद प्याज
खाना शुरु कर दें। - मधुमेह करे कंट्रोल-
कच्चा प्याज खाया जाए तो यह शरीर में
इंसुलिन उत्पन्न करेगा।
- दिल की सुरक्षा- कच्चा प्याज हाई ब्लड
प्रेशर को नार्मल करता है और बंद खून
की धमनियों को खोलता है जिससे दिल
की कोई बीमारी नहीं होती।
- कोलेस्ट्रॉल कंट्रोल करे- इसमें मिथाइल
सल्फाइड और अमीनो एसिड होता है
जो कि खराब कोलेस्ट्रॉल को घटा कर
अच्छे कोलेस्ट्रॉल को बढाता है।
- कैंसर सेल की ग्रोथ रोके- प्याज में सल्फर
तत्व अधिक होते हैं। सल्फर शरीर को पेट,
कोलोन, ब्रेस्ट, फेफडे और प्रोस्टेट कैंसर से
बचाता है।
- एनीमिया ठीक करे- प्याज काटते वक्त
आंखों से आंसू टपकते हैं, ऐसा प्याज में मौजूद
सल्फर की वजह से होता है। इस सल्फर में एक
तेल मौजूद होता है
जो कि एनीमिया को ठीक करने में सहायक
होता है। खाना पकाते वक्त यही सल्फर जल
जाता है, तो ऐसे में कच्चा प्याज खाइये।
- बाल गिरने की समस्या से निजात पाने के
लिए प्याज बहुत ही असरकारी है। गिरते
हुए बालों के स्थान पर प्याज का रस रगडने
से बाल गिरना बंद हो जाएंगे। इसके
अलावा लेप लगाने पर काले बाल उगने शुरू
हो जाते हैं।
- पथरी की शिकायत में प्याज बहुत
उपयोगी है। प्याज के रस को चीनी में
मिलाकर शरबत बनाकर पीने से
पथरी की से निजात मिलता है। प्याज
का रस सुबह खाली पेट पीने से पथरी अपने-
आप कटकर बाहर निकल जाती है।
- गठिया के लिए – गठिया में प्याज बहुत
ही फायदेमंद होता है। गठिया में
सरसों का तेल व प्याज का रस मिलाकर
मालिश करें, फायदा होगा।
- प्याज का पेस्ट लगाने से
फटी एडियों को राहत मिलती है।
- दांत में पायरिया है, तो प्याज के
टुकड़ों को तवे पर गर्म कीजिए और दांतों के
नीचे दबाकर मुंह बंद कर लीजिए। इस
प्रकार 10-12 मिनट में लार मुंह में
इकट्ठी हो जाएगी। उसे मुंह में चारों ओर
घुमाइए फिर निकाल फेंकिए। दिन में 4-5
बार 8-10 दिन करें, पायरिया जड़ से खत्म
हो जाएगा, दांत के कीड़े भी मर जाएंगे और
मसूड़ों को भी मजबूती प्राप्त होगी ।
- प्याज के सेवन से
आंखों की ज्योति बढ़ती है।
- प्याज के रस का नाभि पर लेप करने से
पतले दस्त में लाभ होता है। अपच
की शिकायत होने पर प्याज के रस में
थोड़ा-सा नमक मिलाकर सेवन करें।
- सफेद प्याज के रस में शहद मिलाकर सेवन
करना दमा रोग में बहुत लाभदायक है।

आओ ! व्रत करें....व्रत अर्थात् किसी विशेष दिन भोजन त्याग करना


व्रत अर्थात् किसी विशेष दिन भोजन त्याग कर
या केवल फलाहार आदि पर रहकर उपवास रखते हुए
हठपूर्वक शरीर सुखाने को ही आजकल "व्रत"
माना जाता है। दरअसल व्रत का यह गलत अर्थ लोगों ने
अपनी सुविधानुसार गढ़ लिया है क्योंकि उन्हें व्रत के
सही अर्थ का ज्ञान नहीं है। देव दयानन्द ने सत्यार्थ प्रकाश के ग्यारहवें सम्मुल्लास में व्रत की इस
भ्रान्ति का पुरजोर विरोध किया है। महर्षि दयानन्द
लिखते हैं ”गर्भवती या नवविवाहिता स्त्री, लड़के
वा युवा पुरुषों को तो कभी उपवास नहीं करना चाहिए।
जो भूख में नहीं खाते या बिना भूख के भोजन करते हैं वे
दोनों रोग सागर में गोते खाकर दुःख जाते हैं। भ्रान्तियों के कारण भूख से पीडि़त होने पर भी भोजन
इसलिए ना किया जाये कि विशेष दिन
वा एकादशी आदि के दिन अन्न भोजन में पाप बसते हैं
या किसी विशेष दिन उपवास ना करने या भोजन खाने से
कोई देवता नाराज हो जायेगा। भूख से पीडि़त होकर कष्ट
पाने का क्या लाभ ? घर में अन्न होते हुए भी भूखों मरना पाप है। अब प्रश्न उठता है कि यदि भूखे
रहकर उपवास रखना व्रत नहीं है तो व्रत किसे कहते हैं।
यजुर्वेद में व्रत की बहुत सुन्दर परिभाषा दी गई है- अग्ने-
व्रतपते व्रतं चरिष्यामि, तच्छकेयं तन्मे राध्यताम। इदं
अहं अनृतात् सत्यम् उपैमि।। यजु. 1/5 अर्थात्, हे
अग्निस्वरूप व्रतपते सत्यव्रत पारायण साधक पुरूषों के पालन पोषक परमपिता परमेश्वर! मैं भी व्रत धारण
करना चाहता हूँ। आपकी कृपा से मैं अपने उस व्रत का पालन
कर सकूँ। मेरा यह व्रत सफल सिद्ध हो। मेरा व्रत है
कि मैं मिथ्याचारों को छोड़ कर सत्य को प्राप्त
करता हूँ। इस वेद मंत्र में परमपिता परमेश्वर को व्रतपते
कहा गया अर्थात् सत्याचरण करने वाले सदाचारियों का पालक पोषक रक्षक कहा गया।
सत्यस्वरूप ईश्वर सत्य के व्रत को धारण करने वाले
साधकों व्रतियों का अर्थात् ईश्वर के सत्य स्वरूप
को जान मान कर पालन करने वालों का पालक पोषक
रक्षक है। अतः व्रत धारण करने वाला मनुष्य असत्य
को छोड़कर सत्य को धारण करने का संकल्प ले इसी का नाम व्रत है। देव दयानन्द ने आर्य समाज के
नियमों में ”असत्य को छोड़ने और सत्य के ग्रहण करने
के लिए सदा उद्यत रहना चाहिए“ लिखकर मानव
जीवन में सदा व्रत धारण करने की प्रेरणा दी। ”वेद सब
सत्य विद्याआंे की पुस्तक है“ ऐसा कहकर देव दयानन्द ने
वेदानुकूल जीवनयापन को व्रत धारण करने की श्रेणी में रखा है। इस प्रकार व्रत का यौगिक अर्थ है। असत्य
को त्याग कर सत्य को ग्रहण करना और वेदानुकूल जीवन
यापन करना। संस्कृत के एक कवि ने व्रत या उपवास
की सुन्दर परिभाषा दी है। उपाव्रतस्य पापेभ्यो यस्तु
वासो गुणैः सह। उपवासः स विशेय न तु कायस्य शोषणम्।।
अर्थात् पाप असत्य में निवृत होकर अपने में सत्य गुणों का धारण करना इसको ही व्रत वा उपवास कहते हैं।
शरीर को भूख से सुखाने का नाम उपवास नहीं है। ईश्वर
स्तुति प्रार्थना उपासना मंत्रों में प्रथम मंत्र
”विश्वानि देव सवितर्दुरितानि परासुव। यद भद्रं
तन्न आ सुव।।“ अर्थात् विश्वानि देव
परमपिता परमेश्वर से मनुष्य अपने संपूर्ण दुर्गुण दुव्र्यसनों असत्य को दूर करते हुए मंगलमय गुण कर्म
पदार्थ सत्य को प्राप्त करने की कामना करते हुए
व्रतपति ईश्वर से अपने सत्य व्रत को धारण करने
की सफलता की प्रार्थना कामना करता है। यजुर्वेद में
आदेश है व्रतं कृणुत- यजु. 4/11 अर्थात् व्रत धारण करो,
व्रती बनो। अब प्रश्न उठता है कि मनुष्य जीवन में असत्य को छोड़कर सत्य को ग्रहण करता हुआ किस
प्रकार के व्रत धारण करे। मनुष्य जीवन में सभी संभव
दुव्र्यसनों बीड़ी सिगरेट शराब मांस जुआ झूठ
आदि को त्यागकर सदाचारी बनने का व्रत ले। देश सेवा,
परोपकार, ब्रह्मचर्य, कर्तव्य पालन, विद्याभ्यास,
वेदाध्ययन, सन्धया, स्वाध्याय आदि का व्रत लें। इस प्रकार यदि मनुष्य जीवन में दो चार व्रतों को भी धारण
कर ले तो निश्चित रूप से उसका जीवन सफल
हो जायेगा। आओ ! व्रत करें....

TOMATO and HEART


TOMATO and HEART

A TOMATO is red and usually has four chambers, just like our heart.
Tomatoes are also a great source of lycopene, a plant chemical that reduces the risk of heart disease and several cancers. The Women’s Health Study — an American research programme which tracks the health of 40,000 women - found women with the highest blood levels of lycopene had 30 per cent less heart disease than women who had very little lycopene. Lab experiments have also shown that lycopene helps counter the effect of unhealthy LDL cholesterol.
One Canadian study, published in the journal Experimental Biology and Medicine, said there was “convincing vidence" that lycopene prevented coronary heart disease.

Pomegranate fruit -

Pomegranate fruit -

via: Edible Harmony

Is one of the most powerful antioxidant fruits, immune builder, natural anti-cancerous fruit known to lower cholesterol, Blood pressure, and risk of Heart disease, DELICIOUS and in-season.

The FASTEST way to SEED (step-by-step photos) and EVERYTHING else you need to know about pomegranate

❥ How to pick a Pomegranate:
* Choose one that is heavy for its size, this means it is full of juice and ripe
* The larger the fruit, the easier to seed
* Pick one that is deep red with a smooth skin
* Avoid the ones with bruises, cracks, flat or soft spots

❥ If you get any pomegranate juice in your clothes:
treat immediately by rinsing under cold water, applying laundry detergent directly on the stain and soak on cold water for 15 to 30 minutes. If the stain is still there, apply hydrogen peroxide and scrub

❥ Pomegranate will last up to 3 months in the refrigerator, but once they are seeded consume within 3 to 5 days

❥ The Fastest Way to Seed:
* What you will need:
Water
Ice
Pomegranates
A knife
A bowl
A wooden spoon or mallet

* Steps:
1) Fill the sink with cold water and add plenty of ice to it
2) Soak the pomegranates in the iced water for 10 minutes
3) Cut the pomegranate in half crosswise (rather than from the stem end)
4) Hold the pomegranate half facing down over a bowl
5) Using a wooden spoon or a mallet firmly tap the outside of the fruit to release the seeds into the bowl
6) Fill the bowl with water to remove all the peel remnant and white parts (these will float at the top)
7) Eat as is or add them to your salads, desserts or smoothies

आलमण्ड/बादाम के विभिन्न गुण :


परिचय :बादाम के पेड़ पर्वतीय क्षेत्रों में अधिक पाये जाते हैं। इसके तने मोटे होते हैं। इसके पत्ते लम्बे, चौडे़ और मुलायम होते हैं। इसके फल के अंदर की मींगी को बादाम कहते हैं। बादाम के पेड़ एशिया में ईरान, ईराक, सउदी अरब, आदि देशों में अधिक मात्रा में पाये जाते हैं। हमारे देश में जम्मू कश्मीर में इसके पेड़ पाये जाते हैं। इसका पेड़ बहुत बड़ा होता है। बादाम की दो जातियां होती हैं एक कड़वी तथा दूसरी मीठी। बादाम पौष्टिक होती है। बादाम का तेल भी निकाला जाता है। कड़वी बादाम हमें उपयोग में नहीं लानी चाहिए क्योंकि यह शरीर के लिए हानिकारक होती है।

मीठा बादाम

रंग : यह बाहर से लाल तथा अंदर से सफेद रंग का होता है।

स्वाद : यह मीठा और स्वादिष्ट होता है।

स्वरूप : बादाम के पेड़ बहुत ऊंचे होते हैं। इसके पेड़ अफगानिस्तान और मालद्वीप में अधिक पाये जाते हैं। इसके पत्ते लम्बे और गोल तथा फूल छोटे-छोटे होते हैं। इसके फल के अंदर जो बीज पाया जाता है उसे ही बादाम कहते हैं।

स्वभाव : यह गर्म होता है।

हानिकारक : यह शरीर में देर से पचता है।

दोषों को दूर करने वाला : शक्कर, मीठा बादाम के दोषों को दूर करता है।

तुलना : चिलगोजे से बादाम की तुलना की जा सकती है।

मात्रा : 1 ग्राम से 3 ग्राम तक।

गुण : यह दिमाग और शरीर को स्वस्थ, सुन्दर और बलवान बनाता है, आंखों की रोशनी को बढ़ाता है, स्वभाव और आवाज को विनम्र व कोमल बनाता है। इससे हृदय को लाभ मिलता है। इसके उपयोग से शरीर में गाढ़ा और पुष्ट वीर्य पैदा होता है, सूखी खांसी के लिए यह लाभदायक होता है, सूजन को मिटाता है, शरीर के मोटापे को बढ़ाता है और रोगों को दूर करता है।

कच्चा बादाम : यह दस्तावर है। इसमें भारीपन होता है। पित्त को उत्तेजित करता है। यह कफ और वायु की बीमारियों को खत्म करता है।

पक्का बादाम : पक्का बादाम मीठा और चिकना होता है। इससे वीर्य में वृद्धि होती है और वीर्य गाढ़ा होता है। यह कफ को पैदा करता है और रक्त पित्त और वातपित्त को समाप्त करता है।

सूखा बादाम : यह मीठा होता है और धातु में वृद्धि करता है। यह शरीर को सुन्दर व शक्तिशाली बनाता है, पित्त को उत्तेजित करता है तथा वात पित्त और कफ को नष्ट करता है।

बादाम का तेल : इससे पुरुषों की पौरुष शक्ति में वृद्धि होती है। यह दिमाग के सभी रोगों को दूर करके उसे मजबूत बनाता है। इससे चेहरा सुन्दर और चमकदार हो जाता है। यह प्रमेह उत्पन्न करता है एवं शीतलता प्रदान करता है।

कड़वा बादाम

रंग : कड़वा बादाम का रंग सुर्ख (हल्का लाल और पीलापन) और अंदर सफेद रंग का होता है।

स्वाद : कड़वा बादाम का स्वाद कड़वा होता है।

स्वरूप : कड़वा बादाम, बादाम की ही जाति है।

स्वभाव : कड़वा बादाम गर्म होता है।

हानिकारक : कड़वा बादाम का अधिक मात्रा में उपयोग आंतों के लिए हानि पहुंचाता है।

दोषों को दूर करने वाला : चीनी, मिश्री, मीठे बादाम का तेल, कड़वा बादाम के गुणों को सुरक्षित रखता है एवं कड़वा बादाम में सम्मिलित दोषों को दूर करता है।

तुलना : कड़वे बादाम की तुलना भी चिलगोजे से की जा सकती है।

मात्रा : 3 ग्राम।

गुण : कड़ुवा बादाम का प्रयोग सूजनों को ठीक करने में किया जाता है। यह शरीर के अंदर खराब खून को बिल्कुल साफ कर देता है जिससे चर्म रोगों (त्वचा संबन्धी रोगों) से छुटकारा मिलता है। इसका उपयोग सूखी और सर्द दोनों प्रकार की खांसियों के लिए लाभदायक होता है। यह छाती की हलचल (खरखराहट) और फेफड़ों की सूजन को खत्म करता है। हृदय की बीमारी और कामला (पीलिया) को ठीक करने के लिए इसका उपयोग किया जाता है। यह पथरी को भी गलाता है। 4 ग्राम कड़वा बादाम शहद के साथ खाने पर पागल कुत्ते के काटने का जहर समाप्त हो जाता है।

विभिन्न भाषाओं में नाम :

संस्कृत वाताद, वातवैरी आदि।
हिन्दी बादाम
बंगाली बादाम
मराठी बदाम, कड़वे बदाम
गुजराती बदाम
फारसी बदाम शोरी, बदाम तल्ख
अंग्रेजी आलमण्ड
लैटिन एमिग्ड्रेलस कम्युनीज

गुण : बादाम गर्म, चिकना, वीर्य को बढ़ाने वाला तथा वात नाशक होती है। मीठी भीगी बादाम वीर्यवर्द्धक होती है तथा पित्त एवं वात को खत्म करती है तथा कफ को बढ़ाती है। इसका उपयोग रक्तपित्त के रोगियों के लिए हानिकारक होता है।

बादाम का तेल निकालना : बादाम को छीलकर थोड़ी देर तक पानी में रखकर उसके छिलके निकाल देते हैं और उसमें थोड़ी सी मिश्री बारीक मिलाकर पीस लेते हैं। इसके बाद उसे हाथ में लेकर दबाने से तेल निकलता है। यह तेल दिमाग को हल्का और ठंडा रखता है।

बादाम का हानिकारक प्रभाव : कड़वे बादाम में एक प्रकार का जहर होता है अत: यह ध्यान रखा जाना आवश्यक है कि इसका खाने में उपयोग न किया जाए। इसके अतिरिक्त रक्तविकार से पीड़ित लोगों के लिए लोगों के लिए भी

'कद्दू' यह बहुत ही स्वास्थ्य वर्धक सब्जी है


कहने-सुनने में भले ही 'कद्दू' शब्द का प्रयोग व्यंग्यात्मक रूप में किया जाता हो, लेकिन 'व्यंजनात्मक' रूप में इसका प्रयोग बहुत लाभकारी होता है। स्वाद के लिए भी और सेहत के लिए भी। प्रकृति ने अपनी इस 'बड़ी' देन में कई तरह के औषधीय गुण समेटे हैं। इसका सेवन स्वास्थ्यवर्धक माना जाता है। इस सब्जी में 'पेट' से लेकर 'दिल' तक की कई बीमारियों के इलाज की क्षमता है। जहां यह हृदयरोगियों के लिए बहुत लाभदायक होती है, वहीं कोलेस्ट्रॉल को कम करने में भी सहायक होती है।

कद्दू हमारे घर में बनाई जाने वाली आम सब्जी है लेकिन हम फिर भी इसे अपनी फेवरेट सब्जी के रूप में उल्लेख नहीं करते। यह बहुत ही स्वास्थ्य वर्धक सब्जी है जिसे हम नजरअंदाज कर देते हैं। भारत में कद्दू की कई प्रजातियां पाई जाती हैं जिन्हें उनके आकार-प्रकार और गूदे के आधार पर मुख्य रूप से सीताफल, चपन कद्दू और विलायती कद्दू के वर्गों में बांटा जाता है। हमारे यहां विवाह जैसे मांगलिक अवसरों पर कद्दू की सब्जी और हलवा आदि बनाना-खाना शुभ माना जाता है। उपवास के दिनों में फलाहार के रूप में भी इससे बने विशेष पकवानों का सेवन किया जाता है। लोगों में यह भी गलत धारणा है कि कद्दू मीठा होता है इसलिये इसे मधुमेह रोगी नहीं खा सकते। यह बात बिल्कुल गलत है। शरीर के इन्सुलिन लेवल को बढाना कद्दू का काम होता है

कद्दू में मुख्य रूप से बीटा केरोटीन पाया जाता है, जिससे विटामिन ए मिलता है। पीले और संतरी कद्दू में केरोटीन की मात्रा अपेक्षाकृत ज्यादा होती है। बीटा केरोटीन एंटीऑक्सीडेंट होता है जो शरीर में फ्री रैडिकल से निपटने में मदद करता है। कद्दू ठंडक पहुंचाने वाला होता है। इसे डंठल की ओर से काटकर तलवों पर रगड़ने से शरीर की गर्मी खत्म होती है। कद्दू लंबे समय के बुखार में भी असरकारी होता है। इससे बदन की हरारत या उसका आभास दूर होता है।

कद्दू का रस भी सेहत के लिए बहुत फायदेमंद होता है। यह मूत्रवर्धक होता है और पेट संबंधी गड़बड़ियों में भी लाभकारी रहताहै। यह खून में शर्करा की मात्रा को नियंत्रित करने में सहायक होता है और अग्नयाशय को भी सक्रिय करता है। इसी वजह से चिकित्सक मधुमेह के रोगियों को कद्दू के सेवन की सलाह देते हैं।

कद्दू के बीज भी बहुत गुणकारी होते हैं। कद्दू व इसके बीज विटामिन सी और ई, आयरन, कैलशियम मैग्नीशियम, फॉसफोरस, पोटैशियम, जिंक, प्रोटीन और फाइबर आदि के भी अच्छे स्रोत होते हैं। यह बलवर्धक, रक्त एवं पेट साफ करता है, पित्त व वायु विकार दूर करता है और मस्तिष्क के लिए भी बहुत फायदेमंद होता है। प्रयोगों में पाया गया है कि कद्दू के छिलके में भी एंटीबैक्टीरिया तत्व होता है जो संक्रमण फैलाने वाले जीवाणुओं से रक्षा करता है। शायद इन्हीं खूबियों की वजह से कद्दू को प्राचीन काल से ही गुणों की खान माना जाता रहा है।

इसलिये आइये जानते हैं कद्दू के स्वास्थ्य लाभ के बारे में।
कद्दू खाने के स्वास्थ्य लाभ कद्दू के स्वास्थ्य लाभ-
1. एंटीऑक्सीडेंट से भरा- कद्दू में मुख्य रूप से बीटा केरोटीन पाया जाता है, जिससे विटामिन ए मिलता है। पीले और संतरी कद्दू में केरोटीन की मात्रा अपेक्षाकृत ज्यादा होती है। बीटा केरोटीन एंटीऑक्सीडेंट होता है जो शरीर में फ्री रैडिकल से निपटने में मदद करता है।

2. ठंडक पहुंचाए- कद्दू ठंडक पहुंचाने वाला होता है। इसे डंठल की ओर से काटकर तलवों पर रगड़ने से शरीर की गर्मी खत्म होती है। कद्दू लंबे समय के बुखार में भी असरकारी होता है। इससे बदन की हरारत या उसका आभास दूर होता है।

3. मन को शांति पहुंचाए- कद्दू में कुछ ऐसे मिनरल्स होते हैं जो दिमाग की नसों को आराम पहुंचाते हैं। अगर आपको रिलैक्स होना है तो आप कद्दू खा सकते हैं।

4. हृदयरोगियों के लिये- आहार विशेषज्ञों का कहना है कि कद्दू हृदयरोगियों के लिए अत्यंत लाभदायक है। यह कोलेस्ट्राल कम करता है, ठंडक पहुंचाने वाला और मूत्रवर्धक होता है।

5. मधुमेह रोगियों के लिये- कद्दू रक्त में शर्करा की मात्रा को नियंत्रित करता है और अग्न्याशय को सक्रिय करता है। इसी कारण चिकित्सक मधुमेह रोगियों को कद्दू खाने की सलाह देते हैं। इसका रस भी स्वास्थ्यवर्धक माना गया है।

6. आयरन से भरपूर्ण- कई महिलाओं में आयरन की कमी हो जाती है जिससे उन्हें एनीमिया हो जाता है। तो ऐसे में कद्दू सस्ता भी पड़ता है और पौष्टिक भी होता है। कद्दू के बीज भी आयरन, जिंक, पोटेशियम और मैग्नीशियम के अच्छे स्रोत हैं।

7. फाइबर- इसमे खूब रेशा यानी की फाइबर होता है जिससे पेट हमेशा साफ रहता है।

हल्दी वाला दूध -


हल्दी वाला दूध -

रात को सोते समय देशी गाय के गर्म दूध में एक चम्मच देशी गाय का घी और चुटकी भर हल्दी डालें . चम्मच से खूब मिलाकर कर खड़े खड़े पियें.
- इससे त्रिदोष शांत होते है.
- संधिवात यानी अर्थ्राईटिस में बहुत लाभकारी है.
- किसी भी प्रकार के ज्वर की स्थिति में , सर्दी खांसी में लाभकारी है.
- हल्दी एंटी माइक्रोबियल है इसलिए इसे गर्म दूध के साथ लेने से दमा, ब्रोंकाइटिस, फेफड़ों में कफ और साइनस जैसी समस्याओं में आराम होता है. यह बैक्टीरियल और वायरल संक्रमणों से लड़ने में मदद करती है.
- वजन घटाने में फायदेमंद
गर्म दूध के साथ हल्दी के सेवन से शरीर में जमा चर्बी घटती है. इसमें मौजूद कैल्शियम और मिनिरल्स सेहतमंद तरीके से वजन घटाने में सहायक हैं।
- अच्छी नींद के लिए
हल्दी में अमीनो एसिड है इसलिए दूध के साथ इसके सेवन के बाद नींद गहरी आती है.अनिद्रा की दिक्कत हो तो सोने से आधे घंटे पहले गर्म दूध के साथ हल्दी का सेवन करें.
- दर्द से आराम
हल्दी वाले दूध के सेवन से गठिया से लेकर कान दर्द जैसी कई समस्याओं में आराम मिलता है. इससे शरीर का रक्त संचार बढ़ जाता है जिससे दर्द में तेजी से आराम होता है.
- खून और लिवर की सफाई
आयुर्वेद में हल्दी वाले दूध का इस्तेमाल शोधन क्रिया में किया जाता है। यह खून से टॉक्सिन्स दूर करता है और लिवर को साफ करता है. पेट से जुड़ी समस्याओं में आराम के लिए इसका सेवन फायदेमंद है.
- पीरियड्स में आराम
हल्दी वाले दूध के सेवन से पीरियड्स में पड़ने वाले क्रैंप्स से बचाव होता है और यह मांसपेशियों के दर्द से छुटकारा दिलाता है.
- मजबूत हड्डियां
दूध में कैल्शियम अच्छी मात्रा में होता है और हल्दी में एंटीऑक्सीडेट्स भरपूर होते हैं इसलिए इनका सेवन हड्डियों को मजबूत करता है और शरीर की प्रतिरोधी क्षमता घटाता है.
- इसे पिने से गैसेस निकलती है और अफारा , फुले पेट में तुरंत लाभ मिलता है.

दालचीनी:- के फायदे


दालचीनी:-
1 - एक चम्मच शहद में
ज़रा सा दालचीनी का पाउडर मिलाकर दांतों पर रोज़ दो-तीन बार मलने से दांत दर्द में आराम मिलता है.

2 - त्वचा में खाज और खुजली होने पर दालचीनी पाउडर तथा शहद बराबर मात्रा में लेकर लगाने से लाभ होता है.

3 - दालचीनी पाउडर में थोडा सा नीबू का रस मिलाकर चेहरे पर लगाने से कील मुंहासे दूर होते हैं.

4 - मसाला चाय में अन्य मसालों जैसे तुलसी,अदरक,इलाइची', लवंग इत्यादि के साथ दालचीनी डालने से यह स्वाद के साथ साथ बहुत
फायदा भी देती है.

5 - दाल चीनी पावडर पानी मे डालकर पीने से पानी की कमी दूर होती है। पानी में डालकर
नहाने से सौदर्य बढ़ता है और भीनी-भीनी खुशबू आती है।

6 - दालचीनी त्वचा के लिये कंडीशनर का काम करता है।
****************

रोजाना तुलसी के 5 पत्ते खाने के अनोखे फायदे :--


रोजाना तुलसी के 5 पत्ते खाने के अनोखे फायदे :--
---------------------------------------------------
बारिश के मौसम में रोजाना तुलसी के 5 पत्ते खाने के अनोखे फायदे

तुलसी एक ऐसा पौधा है जो कई तरह के अद्भुत औषधिय
गुणों से भरपूर है। हिन्दू धर्म में तुलसी को इसके
अनगिनत औषधीय गुणों के कारण पूज्य माना गया है।
यही कारण है कि हिन्दू धर्म में तुलसी से जुड़ी अनेक धार्मिक मान्यताएं है और हिन्दू धर्म में तुलसी को घर
में लगाना अनिवार्य माना गया है। आज हम बात कर रहे हैं
तुलसी के कुछ ऐसे ही गुणों के बारे में....

- मासिक धर्म के दौरान कमर में दर्द हो रहा हो तो एक
चम्मच तुलसी का रस लें। इसके अलावा तुलसी के पत्ते
चबाने से भी मासिक धर्म नियमित रहता है।

- बारिश के मौसम में रोजाना तुलसी के पांच पत्ते खाने से
मौसमी बुखार व जुकाम जैसी समस्याएं दूर रहती है।
तुलसी की कुछ पत्तियों को चबाने से मुंह का संक्रमण दूर
हो जाता है। मुंह के छाले दूर होते हैं व दांत भी स्वस्थ रहते
हैं।

- सुबह पानी के साथ तुलसी की पत्तियां निगलने से कई
प्रकार की बीमारियां व संक्रामक रोग नहीं होते हैं। दाद,
खुजली और त्वचा की अन्य समस्याओं में
रोजाना तुलसी खाने व तुलसी के अर्क को प्रभावित
जगह पर लगाने से कुछ ही दिनों में रोग दूर हो जाता है।

- तुलसी की जड़ का काढ़ा ज्वर (बुखार) नाशक होता है।
तुलसी, अदरक और मुलैठी को घोटकर शहद के साथ लेने से
सर्दी के बुखार में आराम होता है।

गायत्री मंत्र.यह मंत्र हमें ज्ञान प्रदान करता है


 
गायत्री मंत्र

ॐ भूर्भुवः स्वः
तत्सवितुर्वरेण्यं
भर्गो देवस्यः धीमहि
धियो यो नः प्रचोदयात्

गायत्री मंत्र संक्षेप में गायत्री मंत्र (वेद ग्रंथ की माता) को हिन्दू धर्म में सबसे
उत्तम मंत्र माना जाता है. यह मंत्र हमें ज्ञान प्रदान करता है.

इस मंत्र का मतलब है - हे प्रभु, क्रिपा करके हमारी बुद्धि को उजाला प्रदान कीजिये और हमें धर्म का सही रास्ता दिखाईये. यह मंत्र सूर्य देवता (सवितुर) के लिये प्रार्थना रूप से भी माना जाता है. हे प्रभु! आप हमारे जीवन के दाता हैं
आप हमारे दुख़ और दर्द का निवारण करने वाले हैं
आप हमें सुख़ और शांति प्रदान करने वाले हैं
हे संसार के विधाता हमें शक्ति दो कि हम आपकी उज्जवल शक्ति प्राप्त
कर सकें क्रिपा करके हमारी बुद्धि को सही रास्ता दिखायें मंत्र के प्रत्येक शब्द की व्याख्या गायत्री मंत्र के पहले नौं शब्द प्रभु के
गुणों की व्याख्या करते हैं

ॐ = प्रणव
भूर = मनुष्य को प्राण प्रदाण करने वाला
भुवः = दुख़ों का नाश करने वाला
स्वः = सुख़ प्रदाण करने वाला
तत = वह,
सवितुर = सूर्य की भांति उज्जवल
वरेण्यं = सबसे उत्तम
भर्गो = कर्मों का उद्धार करने वाला
देवस्य = प्रभु
धीमहि = आत्म चिंतन के योग्य (ध्यान)
धियो = बुद्धि,
यो = जो,
नः = हमारी,
प्रचोदयात् = हमें
शक्ति दें (प्रार्थना) इस प्रकार से कहा जा सकता है कि गायत्री मंत्र में तीन
पहलूओं क वर्णं है - स्त्रोत, ध्यान और प्रार्थना.

मूली के उपयोगी घरेलू नुस्खे************* *


मूली के उपयोगी घरेलू नुस्खे************* *
मित्रो अगर भविष्य मे हमारे इस पेज को कुछ हुआ
तो हम आपको अपनी सेवाये Ayurvedacharya Anshuman पेज पे दे पायेगे।

मूली, शरीर से विषैली गैस कार्बन-डाई-आक्साइड
को निकालकर जीवनदायी आक्सीजन प्रदान करती है।
* मूली हमारे दाँतों को मज़बूत करती है
तथा हडि्डयों को शक्ति प्रदान करती है। इससे
व्यक्ति की थकान मिटती है और अच्छी नींद आती है।
* मूली खाने से पेट के कीड़े नष्ट होते हैं तथा पेट के घाव ठीक होते हैं।
* यह उच्च रक्तचाप को नियंत्रित करती है
तथा बवासीर और हृदय रोग को शान्त करती है।
* इसका ताज़ा रस पीने से मूत्र संबंधी रोगों में राहत
मिलती है। पीलिया रोग में भी मूली अत्यंत लाभदायक
है। अफारे में मूली के पत्तों का रस विशेष रूप से उपयोगी होता है।
* मोटापा कम करने के लिए मूली बहुत लाभदायक है। इसके
रस में थोड़ा-सा नमक और नीबू का रस मिलाकर
नियमित रूप से पीने से मोटापा कम होता है और शरीर
सुडौल बन जाता है।
* पानी में मूली का रस मिलाकर सिर धोने से जुएँ नष्ट होती हैं।
* विटामिन 'ए' पर्याप्त मात्रा में होने से मूली का रस
नेत्रज्योति बढ़ाने में भी सहायक होता है।
* मूली सौन्दर्यवर्धक भी है। इसके प्रतिदिन सेवन से
रंग निखरता है।

PLZ PLZ PLZ MUST READ USEFULL FOR OUR LIFE


PLZ PLZ PLZ MUST READ USEFULL FOR OUR LIFE

मित्रो जिसको भी शरीर मे पथरी है
वो चुना कभी ना खाएं ! (काफी लोग पान मे डाल कर खा जाते हैं ) क्योंकि पथरी होने का मुख्य
कारण आपके शरीर मे अधिक मात्रा मे कैलशियम
का होना है | मतलब जिनके शरीर मे पथरी हुई है उनके शरीर मे जरुरत
से अधिक मात्रा मे कैलशियम है लेकिन वो शरीर मे पच
नहीं रहा है , इसलिए आप चुना खाना बंद कर दीजिए |


आयुर्वेदिक इलाज !
______________
सबसे पहले आप सोनोग्राफी करवा के पता करें
की पथरी कितने साइज़ की है
| पखानबेद नाम का एक पौधा होता है ! उसे पथरचट भी कुछ
लोग बोलते है ! उसके पत्तों को पानी मे उबाल कर काढ़ा बना ले ! और आधा आधे या एक कप काढ़ा रोज पीएं |
15 दिन बाद सोनोग्राफी करवाइए , मात्र 7 से 15 दिन
मे पूरी पथरी खत्म हो जायेगी या फिर टूट कर
आधी हो जायेगी और कई बार तो इससे भी जल्दी खत्म
हो जाती !!!
मित्रो अगर भविष्य मे हमारे इस पेज को कुछ हुआ
तो हम आपको अपनी सेवाये Ayurvedacharya Anshuman पेज पे दे पायेगे।

होमियोपेथी इलाज !
______________ अब होमियोपेथी मे एक दवा है !
वो आपको किसी भी होमियोपेथी के दुकान पर
मिलेगी उसका नाम हे BERBERIS VULGARIS ये दवा के
आगे लिखना है MOTHER
TINCHER ! ये उसकी पोटेंसी हे|
वो दुकान वाला समझ जायेगा| यह दवा होमियोपेथी की दुकान से ले आइये| (ये BERBERIS VULGARIS दवा भी पथरचट नाम के पोधे से
बनी है बस फर्क इतना
है ये dilutions form मे हैं पथरचट पोधे का botanical name
BERBERIS
VULGARIS ही है ) अब इस दवा की 10-15 बूंदों को एक चौथाई (1/ 4) कप गुण
गुने पानी मे
मिलाकर दिन मे चार बार (सुबह,दोपहर,शाम और रात)
लेना है | चार बार अधिक से अधिक और कमसे कम तीन
बार|इसको लगातार एक से डेढ़ महीने तक लेना है
कभी कभी दो महीने भी लग जाते है | इससे जीतने भी stone है ,कही भी हो गोलब्लेडर gall
bladder )मे हो या
फिर किडनी मे हो,या युनिद्रा के आसपास हो,या फिर
मुत्रपिंड मे हो| वो सभी
स्टोन को पिगलाकर ये निकाल देता हे| 99% केस मे डेढ़ से दो महीने मे ही सब टूट कर निकाल
देता हे कभी कभी हो
सकता हे तीन महीने भी हो सकता हे लेना पड़े|तो आप
दो महिने बाद
सोनोग्राफी करवा लीजिए आपको पता चल
जायेगा कितना टूट गया है कितना रह गया है | अगर रह गया हहै तो थोड़े दिन और ले लीजिए|
यह दवा का साइड
इफेक्ट नहीं है | ____________________
ये तो हुआ जब stone टूट के निकल गया अब
दोबारा भविष्य मे यह ना बने उसके लिए क्या???
क्योंकि कई लोगो को बार बार पथरी होती है |एक बार
stone टूट के निकल गया अब
कभी दोबारा नहीं आना चाहिए इसके लिए क्या ??? इसके लिए एक और होमियोपेथी मे दवा है CHINA
1000|
प्रवाही स्वरुप की इस दवा के एक ही दिन सुबह-दोपहर-
शाम मे दो-दो बूंद
सीधे जीभ पर डाल दीजिए| सिर्फ एक ही दिन मे तीन
बार ले लीजिए फिर भविष्य मे कभी भी स्टोन नहीं बनेगा|

आज के दिन ही लिखा गया था वंदे मातरम!

आज के दिन ही लिखा गया था वंदे मातरम!

संस्कृत मूल गीत
------------------

वन्दे मातरम्।
सुजलां सुफलां मलय़जशीतलाम्,
शस्यश्यामलां मातरम्। वन्दे मातरम् ।।१।।

शुभ्रज्योत्स्ना पुलकितयामिनीम्,
फुल्लकुसुमित द्रुमदलशोभिनीम्,
सुहासिनीं सुमधुरभाषिणीम्,
सुखदां वरदां मातरम् । वन्दे मातरम् ।।२।।

कोटि-कोटि कण्ठ कल-कल निनाद कराले,
कोटि-कोटि भुजैर्धृत खरकरवाले,
के बॉले माँ तुमि अबले,
बहुबलधारिणीं नमामि तारिणीम्,
रिपुदलवारिणीं मातरम्। वन्दे मातरम् ।।३।।

तुमि विद्या तुमि धर्म,
तुमि हृदि तुमि मर्म,
त्वं हि प्राणाः शरीरे,
बाहुते तुमि माँ शक्ति,
हृदय़े तुमि माँ भक्ति,
तोमारेई प्रतिमा गड़ि मन्दिरे-मन्दिरे। वन्दे मातरम् ।।४।।

त्वं हि दुर्गा दशप्रहरणधारिणी,
कमला कमलदलविहारिणी,
वाणी विद्यादायिनी, नमामि त्वाम्,
नमामि कमलां अमलां अतुलाम्,
सुजलां सुफलां मातरम्। वन्दे मातरम् ।।५।।

श्यामलां सरलां सुस्मितां भूषिताम्,
धरणीं भरणीं मातरम्। वन्दे मातरम् ।।६।।>


हिन्दी अनुवाद
------------------------

तुझको नमन करें हम, हे मातृभूमि भारत! हे मातृभूमि भारत! हे पितृभूमि भारत!!
जलवायु अन्न सुमधुर, फल फूल दायिनी माँ! धन धान्य सम्पदा सुख, गौरव प्रदायिनी माँ!!
शत-शत नमन करें हम, हे मातृभूमि भारत!

अति शुभ्र ज्योत्स्ना से, पुलकित सुयामिनी है। द्रुमदल लतादि कुसुमित, शोभा सुहावनी है।।
यह छवि स्वमन धरें हम, हे मातृभूमि भारत! तुझको नमन करें हम, हे मातृभूमि भारत!!
हे मातृभूमि भारत! हे पितृभूमि भारत!!

कसकर कमर खड़े हैं, हम कोटि सुत तिहारे। क्या है मजाल कोई, दुश्मन तुझे निहारे।।
अरि-दल दमन करें हम, हे मातृभूमि भारत! तुझको नमन करें हम, हे मातृभूमि भारत!!
हे मातृभूमि भारत! हे पितृभूमि भारत!!

तू ही हमारी विद्या, तू ही परम धरम है। तू ही हमारा मन है, तू ही वचन करम है।।
तेरा भजन करें हम, हे मातृभूमि भारत! तुझको नमन करें हम, हे मातृभूमि भारत!!
हे मातृभूमि भारत! हे पितृभूमि भारत!!

तेरा मुकुट हिमालय, उर-माल यमुना-गंगा। तेरे चरण पखारे, उच्छल जलधि तरंगा।।
अर्पित सु-मन करें हम, हे मातृभूमि भारत! तुझको नमन करें हम, हे मातृभूमि भारत!!
हे मातृभूमि भारत! हे पितृभूमि भारत!!

बैठा रखी है हमने, तेरी सु-मूर्ति मन में। फैला के हम रहेंगे, तेरा सु-यश भुवन में।।
गुंजित गगन करें हम, हे मातृभूमि भारत! तुझको नमन करें हम, हे मातृभूमि भारत!!
हे मातृभूमि भारत! हे पितृभूमि भारत!!

पूजा या पन्थ कुछ हो, मानव हर-एक नर है। हैं भारतीय हम सब, भारत हमारा घर है।।
ऐसा मनन करें हम, हे मातृभूमि भारत! तुझको नमन करें हम, हे मातृभूमि भारत!!
हे मातृभूमि भारत! हे पितृभूमि भारत!!

Sunday, November 10, 2013

The Reality of Earning Money Online

The Reality of Earning Money Online


 I hear every single day from readers who want to know exactly how I've made money with my blog, The Simple Dollar, or how they can make money doing a similar thing, whether it's starting a blog or posting Youtube videos or writing ebooks. I'm going to spell all of this out in detail so that the reality of it is as clear as possible.
This post originally appeared on The Simple Dollar.

Produce A Lot of Content

First of all, the only way to make money consistently online is to produce a lot of content on a very consistent basis. There's really no other way to do it with any consistency. Sure, someone might throw a video up on Youtube only to see it go viral and get passed around like crazy, but that type of phenomenon is often completely unexpected and heavily based on luck. The only way to make it work consistently is to produce content every day-or at least several times a week-and do it over and over and over again. You have to treat it like a second job.
Because you're going to be doing it so often, you need to either be producing stuff you're excited about or have an incredible work ethic. Ideally, you'll be doing both at the same time. If you can't do that, then anything you do online will be effectively like playing the lottery. You might randomly put up a hit every once in a while, but it won't be sustainable in any way.
Second, if you're concerned about earning money during the first year of putting in consistent effort, you're better off spending your time doing something like Mechanical Turk. Mechanical Turk can earn you a few bucks an hour right from the start, so if you're just wanting to earn a few bucks right now while clicking around, that's probably a better approach for you.

The Rules for Making Money

So, why aren't you going to earn a lot of money right away? It's because there are a few rules that govern how people make money online. These rules seem to be true for everything that makes money online.
First of all, almost all money made online by content creators is either through advertisements or through selling the writing itself (as a Kindle book, for example). The Simple Dollar is paid for by the advertisements that appear on each page, appear in the emails, and so on. That's how the service keeps running.
The same is true for Youtube videos. Youtube sells ads on the videos that appear there and split the money between themselves and the creators of the video. Generally, ads are paid for "per view," meaning that whenever you see an ad, the person running the site or the person that made the video or the person who wrote the article makes just a little bit of money (we'll get back to that in a minute).
Whenever you post something new, it gets a small burst of attention. That burst comes from your regular readers, which grow and change over time. When a new article appears on The Simple Dollar, regular readers usually read it within the next few days or so. That burst of traffic grows over time as you build an audience. That's why consistency is so important. People who find your stuff and like it are likely to come back for more, but if there's nothing new for them to see, they're not likely to come back. You need new stuff to get people to come back.
You also need to make sure other people see your stuff. That's usually done by sharing it on social media sites like Facebook or Twitter or Reddit or on topic-specific messageboards. That's how you pull in new readers for that initial burst.

The Long Tail

The second source of income-and it's often the biggest one-is what I call "the long tail." Your article or video gets listed on Google and when people type in the right search terms, they find your article or video. This can go on for years and years and years. Eventually, the "long tail" becomes your primary moneymaker, no matter how popular you are.
Think of it this way. Let's say for every 1,000 views your video or page gets, you earn $2. That's an approximation of what you might expect from most ad networks that new video makers and writers would be able to get into. If you have 100 people read each article you write, you get an initial burst of $0.20 per article. That's not really impressive.
But, let's say that each day, every old article you write gets 5 views. That's enough to earn one cent. So, you write an article, it gets $0.20 initially, and then you earn $0.01 per day for a long time afterward. You write another article, you get that $0.20 initially, and then it earns $0.01 per day for a long time afterward.
Let's say you have a daily schedule of this. Let's look at what that's like over the course of a month:
Day one: You earn $0.20 from that initial article.
Day tw You earn $0.20 from today's article and $0.01 from the "long tail" of yesterday's article, totaling $0.21.
Day three: You earn $0.20 from today's article and $0.02 from the "long tail" of the previous articles, totaling $0.22.
Day thirty: You earn $0.20 from today's article and $0.29 from the "long tail" of the previous articles, totaling $0.49.
You get the idea. It slowly builds on itself, though at this level, it's still not impressive.
Over time, what will happen is that all of the long tails will get just a bit stronger. So many people are just wandering onto your site-and some will stay and click around. The more material you have to click around on, the longer they're going to stay. This means all of your old articles will get just a bit more attention... and then a bit more... and then a bit more. Each article won't ever amount to a whole lot on its own, but if you have a thousand articles up there and each one earns $0.05 in ad revenue a day, you're looking at $50 per day.
Now, ideally, that first "burst" is also growing, too. As you get more and more content out there, you'll gradually attract more and more people and those people will start visiting regularly. (Of course, there's always a ceiling, as some people will stop visiting, too.) So, if you write for three years and have a thousand articles, you might have 10,000 regular readers who read your newest article. Also, each article is garnering 25 views per day on the long tail.

Working Long Hours Is Like Working for Free

Working Long Hours Is Like Working for Free

Melanie Pinola
you're basically working for nothing. Jason James writes for We Are a Mammoth, a digital product design firm, the many ways working long hours is just plain bad.P
First, after 40 hours a week, every additional hour doesn't add additional dollars into your bank account (unless you're one of the lucky people to be paid overtime):
Salaried employees are salaried to allow the company some flexibility. This flexibility is often compensated for, but compensated in a 41-50 hours a week sort of way, not an 80 hours a week sort of way
Working more than you're compensated for simply devalues your work and your time. James points out several other problems with the 75+ hour/week mindset: It's unsustainable for the company, unhealthy and unsustainable for the employees (and can result in depression), it's a sign of poor leadership and poor project management, and it doesn't result in better work.

Maybe it's impossible to get to the ideal 25 hours a week structure, but if it's you having a hard time going home on time, it's time to learn how to stop working so much (unless you like working for peanuts or for free).

James adds:
if you are going to put in the extra hours, make sure it's on your own terms. And if some place or some job is making you feel like long hours "come with the territory" just know they are misleading you to their benefit, and you can find a better situation with some extra effort.

3 Unique Uses of Beer You Will Love

3 Unique Uses of Beer You Will Love

Beer is often called a man's best friend for obvious reasons. But there are many uses of beer that can make you heady, besides drinking it. We bring you three unique uses of beer that will make you say cheers.

Inexpensive Spa treatment at Home:

Give your feet a luxury spa like treatment at home, with just a bottle of chilled beer, some warm water and a pinch of salt. Yes, you heard it right just with those three ingredients you can give yourself one of the world's best luxurious pedicure. Fill a bucket's 1/4th part with warm water (not hot, just warm), add your favorite chilled beer and a pinch of salt to it. Soak your feet in it for 30 minutes or as long as you like. Wash your feet with normal water and wipe it dry with a clean towel and the magic is in front of your eyes.

Not just your legs will be super relaxed, they will also be super clean and super soft. If you want to give your whole body a super luxurious treatment, go for a beer bubble bath in your own bathroom. Fill your bathtub with warm water and add one or two bottle of chilled beer to it, light an aroma lamp by the side and step in the bathtub with a glass of wine or a cup of green tea. Soak in the heavenly experience and forget the world.

Magical potion for Old furniture:

Had a party last night and have some left over beer in bottles which has gone flat? Well that's a magical potion to add some lustrous sheen to that old wooden furniture in your house. Just dip some cotton or some spare clean cloth in the leftover beer from the opened bottled from last night and polish your furniture with it. Do it twice and see your old and dull furniture shining bright, as good as new.

Pillow Covers to cure Insomnia:

No, we are not suggesting to drink a beer can before going to bed! We have a much better idea, which will lull you to sleep without getting those extra calories of beer inside you. Just soak your pillow covers for a few minutes in water with a cup of beer added to it. Take the pillow cover out and wash it with regular water, do not put soap after this. Once dry, put this pillow cover on your pillow and be ready to be transported to the sleep land within a few minutes. It is said that the light fragrance of the beer coming from the pillow cover relaxes your mind and your body, gently lulling you to sleep.

Why Tea Is So Healthy for You (and How to Get the Most from Every Cup)

Why Tea Is So Healthy for You (and How to Get the Most from Every Cup)

Melanie Pinola
Tea isn't just a comforting and pleasant beverage, it also has remarkable healing properties-so much so that it's deemed a sort of "wonder drink" that may be even healthier than drinking water. Here are all the ways drinking tea can lead to a healthier, longer life-and how to maximize both the enjoyment of the drink and its health benefits.

Not Just for Pleasure: The Many Health Benefits of Tea

Why Tea Is So Healthy for You (and How to Get the Most from Every Cup)
Tea is the second most widely consumed beverage in the world, after water. That's because it's so versatile: You can drink it iced or hot, and there are enough varieties of tea to suit just about any palate (there are over 1,500 types of tea-not including herbal teas).
People have been drinking tea for centuries also because of its health effects. Much research suggests drinking tea-particularly green tea-can fight diseases and even lengthen life. This is due to tea's high concentration of antioxidants called polyphenols, which may contribute to the prevention of cancer, osteoporosis, and cardiovascular diseases. While polyphenols are also found in abundance in fruits, vegetables, and grains-and also coffee in even higher amounts-tea is especially and uniquely rich in particular types of polyphenols called catechins (specifically, EGCG) that may be the most powerful ones of all.

Cancer Prevention

The American Cancer Society explains:
EGCG may help cause certain types of cancer cells to die in much the same way that normal cells do. This effect is important because cancer cells are different from normal cells in that they do not die when they should-they continue to grow and spread.
Although the ACS says more clinical trials are needed to support claims that green tea can prevent or treat any specific types of cancer, it notes the many laboratory studies demonstrating green tea's protective effects against cancer cells. One study, for example, found EGCG to suppress lung cancer cell growth and another found that it inhibits breast cancer tumors. A meta-analysis of 13 studies indicates women who drink green tea have a lower risk of developing breast cancer than non-green-tea drinkers. Like most scientific research, however, there's other conflicting results suggesting black and green tea might not contribute significantly to breast cancer risk-so you probably shouldn't drink tea for the sole purpose of preventing cancer. That's okay, because there are lots of other positive health associations with tea.

Protection Against Heart Diseases and High Blood Pressure

A study of 40,530 people in Japan, where green tea is widely consumed, found drinking green tea significantly lowered the risk of dying from cardiovascular disease. (31% lower risk in women, and 22% lower risk in men.) The risk of dying from stroke was even lower: 62% lower in women and 42% lower in men. The catechins in green tea are believed to inhibit the production of free radicals in the lining of the arteries and also help prevent the formation of blood clots.
Regular consumption of green or oolong tea (for at least one year) also has been shown to lower the risk of developing hypertension by 46% for those who drank up to 2.5 cups a day and 65% less for those who drank more than 2.5 cups.
A review, published in the Journal of the American College of Nutrition, concludes that "green tea and EGCG can be regarded as food components useful for the maintenance of cardiovascular and metabolic health."

Lower Risk of Death from All Causes

The Japanese cohort study mentioned above examined the relationship between green tea drinking and death from all causes. The researchers followed the Japanese adults (ages 40 to 79) for up to 11 years and compared those who drank less than one cup of green tea a day to those drinking five or more a day.
The results? Drinking green tea was associated with a 23% lower risk of dying from any cause in women and 12% lower risk in men.

Brain Boosts

Drinking tea can contribute to both relaxation and concentration. As Tea Class explains:
L-theanine is an amino acid that occurs naturally in the Camellia Sinensis plant. In fact, unless you take an artificially manufactured dietary supplement, tea is the ONLY way to get L-theanine in your diet. This powerful amino acid boosts alpha wave activity in our brains, which promotes a state of relaxed concentration. Think "quiet alertness". The calming effects of L-theanine actually counteract the extreme highs and jitteriness that can result from excessive Caffeine intake.
As with almost all other essential elements in the leaf, L-theanine is most highly concentrated in the newest growth. A high quality loose leaf tea will contain the most L-theanine, and the very highest levels are usually found in green and white teas.

And Lots, Lots More

Studies have also associated drinking green tea with lower LDL or "bad" cholesterol and reduced body fat, inhibition of the flu virus, and even less dental plaque. The book Green Tea by Nadine Taylor also cites these benefits:
  • Keeping blood sugar at moderate levels
  • Fighting food-borne bacteria
  • Enhancing immune system function
  • Promoting "friendly" bacteria in the intestines and encouraging bowel regularity
  • Assisting in weight loss by blocking the breakdown of starch
  • Maintaining the body's fluid balance
  • Reducing stress
Taylor writes:
No other substance on the face of the earth, including the most potent drug, can claim such wide-ranging and powerful health benefits, and all without a single side effect.
Well, some side effects have been noted with drinking too much green tea extract or supplements (not the drink itself), and pregnant women might want to avoid large amounts of green tea as well.
It's true that tea contains caffeine, which affects everyone differently, but tea generally contains less caffeine than coffee, and the caffeine in tea is metabolized more slowly, so you can drink more cups all day long without crashing.

How to Choose and Brew Tea for Better Health Benefits

Why Tea Is So Healthy for You (and How to Get the Most from Every Cup)
Now that we know some of the many potential ways green tea can make us healthier, let's look at how to buy and brew it optimally.
Types of Tea: Most of the studies have focused on the health benefits of green tea, but what about black and other types of tea? Green tea has more wide-ranging and powerful benefits mainly because of its high amounts of EGCG, whereas black tea has much less because of the way the leaves are "fired" and oxidized during production. Still, black and other teas also share these important compounds and benefits.
Acne Einstein reports these mean levels of EGCG in different teas per cup, as measured by the USDA:
  • Brewed green tea: 180mg
  • Brewed green tea, decaffeinated: 60mg
  • Brewed green tea, flavored: 45mg
  • Ready-to-drink green tea: 10mg
  • Brewed oolong tea: 80mg
  • Brewed black tea: 20mg
The report doesn't mention white tea, which has similar EGCG content as green tea, but might have even more health benefits than green tea because it's even less processed. White tea, however, is rarer than green and thus less studied.
Antioxident content, however, also varies depending on the tea types, brand, and manufacturing.
Tea Brands: Speaking of tea brands, ConsumerLab tested green tea bottled drinks, brewable teas, and supplements to find which had the highest levels of EGCG and other catechins. News Observer reports:
Of the 14 bottled tea and tea supplements that listed levels of EGCG on the label, only three contained significantly less than the amount claimed. The 17-ounce bottle of Honest Tea Green Tea with Honey, for example, had only about two-thirds of the 190 milligrams of the listed catechins, which includes EGCG and other beneficial compounds. (Experts recommend consuming 200 milligrams of EGCG a day for the greatest benefit.)
Among products that don't list EGCG levels - including all of the brewed teas - findings were more varied. Teavana Green Tea Gyokuro Imperial, sold as loose tea, had 86 milligrams of EGCG per serving, while one bag of Bigelow Green Tea had only 25 milligrams. To get the recommended amount of EGCG, you'd have to drink about 2 1/2 cups of the former, eight cups of the latter. (Helpful hint: Steep tea in hot water for three to five minutes to fully extract the EGCG.)
Teavana's is more expensive, however ($2.18 to get the equivalent of 200 mg of EGCG versus $0.27 to $0.60 per tea bag). Bigelow's had the highest amount of EGCG of the bagged, supermarket teas.
Temperature and Brewing Time: Things that additionally affect the EGCG content and antioxidant potential include your water temperature and brewing time. While following general time and temperature recommendations is great for brewing a cup of tea for flavor, if you care about getting the most health-boosting benefits of a cup of tea, Acne Einstein has found:
  • Brewing with hotter water results in more antioxidants in the tea
  • Steeping for three to five minutes is better than less time
This goes against the usual tea rules for different types (green tea is usually brewed with water at 175 degrees F and for just a minute or so), so you might get a stronger-tasting or even bitter cup, depending on the leaves. Oolong teas, however, often do well with longer steeping time and higher temperatures.
How Many Cups to Drink a Day: Most of the studies suggest the more cups of tea you drink a day (e.g., five or more), the better, but some also found benefits with just two to three cups a day, which is what nurse practitioner and physician assistants network Advanced Healthcare recommends for patients as a "simple healthy lifestyle strategy." (Don't worry, tea is hydrating and doesn't act as a diuretic.) The two-to-three cups a day recommendation fits in with most supplements' 200 mg EGCG recommended daily serving.
All this said, it's silly to guzzle down thermoses of tea if you don't enjoy it. Even if you prefer stronger drinks like coffee, however, you might be surprised to learn you might just enjoy a good cup of tea too (and get the health effects as a nice side benefit).
Photos by Photosani (Shutterstock), ~Mers.

Sachin Tendulkar: From Bradman to Brandman


Sachin Tendulkar: From Bradman to Brandman



Sachin Tendulkar: From Bradman to Brandman
Tiger Woods, Lance Armstrong and so many others suffered setbacks after falling from grace, but not Sachin Tendulkar.

Kapil's Devils made India fall head over heels in love with cricket by winning the 1983 World Cup; by the Nineties, as the country opened its doors to the world, the game had captured the imagination of a billion people.

It is in this backdrop that Sachin Tendulkar arrived, turning a pristine sport into a multimillion dollar industry. His meteoric rise was the perfect platform for dozens of brands, with his humility and simplicity connecting him to the masses like never before.

Cricket may have changed over those two-and-a-half decades, for better and for worse, but the Little Master, even as he evolved, has remained a calming constant.

As former India batsman Gopal Bose put it, "It's just plain unreal that a top cricketer should remain free of controversies through such a long career. He's the son every mother dreams of having, the brother every sister wants."

There have been huge brands among sportsmen but his impeccable image over such a long time has helped sustain him as THE brand. Tiger Woods, Lance Armstrong and so many others suffered setbacks after falling from grace, but not Sachin.

"The phenomenon that he has been and the mass following that he has, certainly allowed the creation of the entire 'sportsperson as an endorser'. While a few existed prior to him, his professional peaks and the opening up of the Indian economy - did wonders as a combination," Harish Krishnamachari of World Sport Group told TOI.

"I believe the key part of the evolution of Brand Sachin has been his continued relevance. He continues to lend credibility to brands, products and causes that he has been associated with," added the country head of WSG, which has been handling the Little Master's endorsements since 2006.

Sachin may have become the richest cricketer in the world and helped make BCCI a cash cow but Shailendra Singh of Percept will tell you where the real credit should go.

"Often in India, too much credit is given to the athlete and very little to those who create the brand. In Sachin's case, I'd give 100 per cent of the credit to Mark Mascarenhas. Sachin did his job on the field and Mark off it. It takes two to tango," Singh reminded.

If the Dhonis and Kohlis are striking multimillion dollar deals today, they can thank Sachin for his talent and Mascarenhas, who died in a car crash in 2002, for the vision to believe and invest in him.

Both Sachin and Dhoni made it to the Forbes list of top 100 richest athletes in the world in 2011. According to a recent survey conducted by Wealth X, Sachin's net worth is $160 million, which makes him the richest Indian sportsperson.

Marketing experts are convinced Brand Sachin will actually get bigger after his retirement. With his squeaky-clean image and the trust he has earned, a whole new range of products and market has opened up for him.

Also, he will now have more time for his sponsors. However, Singh spells out the challenge. "It's all about visibility. He's visible 300 days in a year; after retirement can he stay visible for that long a time in a year?"

India’s 7 Nobel laureates grace Rajiv Chowk Metro walls


India’s 7 Nobel laureates grace Rajiv Chowk Metro walls



NEW DELHI: DMRC in collaboration with Swedish Embassy has set up a Nobel memorial wall at Rajiv Chowk Metro station. An exhibition on the country's Nobel laureates and their work will be on display at the station on November 9-15—the Nobel Memorial Week.

As this year marks the centenary of Rabindranath Tagore receiving the Nobel Prize in literature, the week has been dedicated to him. "Special focus has been given to Tagore on the wall, with a bust of India's poet par excellence against the original text of his Nobel Prize nomination procured by the embassy from the Swedish Academy," an official said. In addition, the Nobel Memorial Wall displays portraits of the Indian Nobel Laureates—CV Raman, Dr Hargobind Khorana, Mother Teresa, Subrahmanyan Chandrasekhar, Amartya Sen and Venkatraman Ramakrishnan. Delhi Metro Rail Corporation managing director Mangu Singh and Ambassador of Sweden H E Harald Sandberg unveiled the wall on Saturday. 
by the times of india 

Human rights organization releases research data for campaign against early marriage


Human rights organization releases research data for campaign against early marriage



MUMBAI: In a bid to put an end to the issue of early marriage, global human rights organization Breakthrough disseminated extensive data that emerged during the research for their latest campaign 'Nation against Early Marriage' in New Delhi recently. The campaign has been launched to combat the issue of early marriage, by addressing it as a societal malaise blighting the lives of thousands of young girls across India. Breakthrough also released a formative research, a baseline summary report in association with Catalyst Management Services & Praxis on its initiative to address this issue.

"Early marriage usually means a very early start to a series of human rights violations and deprivations that affect girls and women throughout their lives. Research conclusively highlights a snapshot of trends observed such as psychological trauma, poor level of education and personal growth among women, practice of dowry, desire for male progeny, premature and continuous childbearing that affects maternal and child mortality, sexual harassment thus an aftermath of early marriage," a press statement said.

On the occasion of the launch of the campaign at the Ford Foundation, Sonali Khan, Vice-President and Country Director-India, Breakthrough said, "Young people are not provided with the freedom of expression; they need a voice to raise the issue of early marriage. The biggest challenge is to infuse a sense of confidence in the young ones especially girls to raise their voices against any harassment. We are mobilizing communities through art, culture and media; to take bold action for dignity, equality and justice. We have looked at a comprehensive strategy for targeting audience at multiple levels, providing them a platform to speak about the ills of early marriage."

Rashmi Singh from NMEW (National Mission on Empowerment of Women) who spoke during the programme said, "One of the biggest problems faced by the government today is to bring in the change in behavior and attitude of the people. All the issues associated with the girl child are inter-linked; however, the issue of the early marriage is one of the key issues to be centered around. Though building advocacy is one aspect of bringing a change, but the other significant aspect is to make people aware of the enforcement mechanisms and the processes involved in it. Within the government too, the problem needs to be looked at holistically in order to achieve the outcome desired. Hence, we need to join hands and work in collaboration with various agencies like Breakthrough to implement a joint action plan on such issues." 
by the times of india

US signals greater acceptance of Modi, putting 2002 behind


US signals greater acceptance of Modi, putting 2002 behind



US signals greater acceptance of Modi, putting 2002 behind
A recent Goldman Sachs report titled ''Modi-fying our view: raise India to Marketweight'' expressing bullish sentiment on India at the prospect of the Gujarat chief minister becoming prime minister seems has accelerated efforts to resurrect Modi’s reputation.

WASHINGTON: The antagonistic official US view of Gujarat chief minister and BJP prime ministerial candidate Narendra Modi is gradually being tempered, seemingly in the light of his frontrunner status to lead India. The subtle changes come amid continuing efforts by his expatriate fan base to exculpate him for the 2002 riots.

US officials, some American lawmakers, and the country's corporate community at large appear keen to put behind the stigma associated with the controversial politician. They have signaled they are keen to put the 2002 issue behind, a messaging that appears to stem from the perception that the ruling UPA government's fortunes are in decline and that of Modi is on the upswing.

A recent Goldman Sachs report titled ''Modi-fying our view: raise India to Marketweight'' expressing bullish sentiment on India at the prospect of the Gujarat chief minister becoming prime minister seems has accelerated efforts to resurrect Modi's reputation. The Goldman Sachs report, which has caused heartburn in the UPA, isn't the first to speculate on these lines. American lawmakers and policy planners have been primed over the past year for the return of BJP to power at the center, with Modi possibly at the helm as Prime Minister, following what US analysts say is a ''precipitous'' decline in the Congress party's standing.

A September 1, 2012, report by the US Congressional Research Service (CRS), a bipartisan and independent research wing of the US Congress that provides briefs for American lawmakers, has already gone where Goldman Sachs is now treading: boldly projecting a BJP resurgence. It has also forewarned Washington about the possible elevation to the Prime Minister office of Narendra Modi, who was denied a US visa in 2005 for his alleged complicity in the 2002 riots.

''Although still in some disorder in 2011, there are signs that the BJP has made changes necessary to be a formidable challenger in scheduled 2014 polls. These include a more effective branding of the party as one focused on development and good governance rather than emotive, Hindutva-related issues,'' the 94-page report noted.

''Among the party's likely candidates for the prime ministership in future elections is Gujarat chief minister Narendra Modi, who has overseen impressive development successes in his state, but who is also dogged by controversy over his alleged complicity in lethal anti-Muslim rioting there in 2002,'' the report noted in a surprising projection, before Modi was officials declared BJP's prime ministerial candidate. It added that Modi has in the past been denied a US visa under an American law barring entry for foreign government officials found to be complicit in severe violations of religious freedom.

That visa denial, US officials are now suggesting, will not apply if Modi indeed becomes India's prime minister. Dismissing visa as a non-issue, one US official was quoted telling PTI this week that it was largely a creation of the Indian media and not at all an issue in the US Government.

"I think that the United States had a very strong relationship with the previous Indian government when it was under BJP leadership," the official said. ''the relationship between the United States and India is an enduring one, it is a bipartisan in the United States, irrespective of who is in office. And we believe that (in a) multiparty (system) in India that it is supported by all political parties, we expect that relationship to continue."

The official also explained that "There is not a lot of angst about him (Modi)" in the US Government, but the Administration has decided to maintain the status quo on this issue because it might be seen as an interference in India's domestic politics, with various political parties seeking to make capital out of any decision in Washington.

But US lawmakers are not constrained by such perception issues. A day after the Obama administration official indicated that the denial of visa to chief minister Modi would be overturned in the event of his becoming Prime Minister, key Republican lawmakers are reported to have invited him to address an Indian-American community event, albeit via satellite, on Capitol Hill next week.

The invitation comes from Congresswoman Cathy McMorris Rogers, one of three US lawmakers who visited Gujarat and met Modi earlier this year. "I want to congratulate you on winning the nomination of the BJP for Prime Minister of India," Rogers said in a congratulatory message to Modi, ahead of the November 19 event being billed as "Bharat (India) Day on Capitol Hill." The day-long event is being hosted by House Republican Conference in the US House of Representatives of which Congresswoman Rodgers is the chair, in association with Shalabh Kumar, who is chair of the Indian-American Advisory Council, and a Modi partisan who helped put together the India trip for US lawmakers. 
by the hindustan times.