Tuesday, September 17, 2013

हिंदूविरोधी कोई भी कानून स्वीकार नहीं किया जाएगा !


हिंदूविरोधी कोई भी कानून स्वीकार नहीं किया जाएगा ! - शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती|
शारदा एवं द्वारकापीठ के जगद्गुरु शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वतीजी  ने आवाहन करते हुए कहा कि जबतक (अंध) श्रद्धा निर्मूलनके संबंधमें कानून अथवा अध्यादेश जारी करने से पूर्व हिंदू धर्माचार्यों की सहमति नहीं ली जाती, तबतक अंधश्रद्धा निर्मूलन के नाम पर हिंदुओंको प्रताडित करने वाला कोई भी कानून स्वीकार नहीं किया जाएगा । इसलिए संपूर्ण हिंदू समाज को महाराष्ट्र सरकारके नए हिंदू विरोधी अध्यादेश का प्रबल विरोध करना चाहिए ।
शंकराचार्यने कहा...

१. श्रद्धा एवं अंधश्रद्धा के संबंध में अब तक व्याख्या भी निश्चित नहीं की गई है । ऐसी स्थितिमें सरकार को यह कानून बनाने की इतनी शीघ्रता क्यों है ?

२. वारकरी संप्रदाय को विश्वास में न लेकर सरकार ने यह कदम उठाया है, जो पूर्णरूप से चूक है ।

३. सरकार मंदिर का व्यवस्थापन कर रही है । ऐसी स्थिति में सरकार इससे दूसरों को कैसे रोक सकती है ?
आस्तिक रहनेका घटनात्मक अधिकार
शंकराचार्यने कहा,

१. नरेंद्र दाभोलकर की हत्या निश्चित ही निंदा करने योग्य है; परंतु उनकी हत्या के कारण आज हिंदुओं की प्रथा एवं परंपराओं पर प्रहार करने की किसी को भी अनुमति नहीं देनी चाहिए ।

२.जिस प्रकार लोकशाही के अनुसार दाभोलकर को नास्तिक रहने का अधिकार था, उसी प्रकार अन्य व्यक्तियों को भी आस्तिक रहने का घटनात्मक अधिकार है ।
जय महाकाल |

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